जलेबी और समोसे बन रहे हैं सिगरेट से भी ज़्यादा खतरनाक, रिपोर्ट्स में चौंकाने वाला खुलासा

Health Update: भारत की गलियों में सुबह की चाय के साथ गरम समोसे और शाम को मीठी जलेबी एक आम दृश्य है। लेकिन हाल ही में आई रिपोर्ट्स ने एक बड़ा और खतरनाक खुलासा किया है, ये लोकप्रिय स्ट्रीट फूड आइटम्स स्वास्थ्य के लिए सिगरेट से भी ज़्यादा हानिकारक हो सकते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानतें हैं।
वैज्ञानिकों और डॉक्टर्स की चेतावनी
हाल ही में कई स्वास्थ्य संगठनों और रिसर्च संस्थाओं ने यह दावा किया है कि डीप फ्राई किए गए खाद्य पदार्थ, जैसे समोसे और जलेबी, में अत्यधिक मात्रा में ट्रांस फैट, ऐक्रिलेमाइड, और रिफाइंड ऑयल्स के खतरनाक तत्व पाए जाते हैं। ये तत्व शरीर में जाकर हार्ट डिजीज ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और यहां तक कि कैंसर तक की वजह बन सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति हर रोज समोसे या जलेबी जैसे तले हुए व्यंजन खाता है, तो उसके शरीर में जमा ट्रांस फैट का असर सिगरेट के निकोटीन से भी तेज़ और घातक हो सकता है।
शरीर का दुश्मन तेल
समोसे और जलेबी बनाने वाले दुकानदार अक्सर एक ही तेल को बार-बार गर्म करके उपयोग करते हैं, जिससे उसमें टॉक्सिक कंपाउंड्स बनने लगते हैं। यह तेल न केवल स्वाद को बिगाड़ता है, बल्कि उसमें फ्री रेडिकल्स बनते हैं जो शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे तेलों में बना खाना लंबे समय तक खाने से शरीर में इंफ्लेमेशन, कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि, और लीवर संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।
स्वाद के पीछे छिपा जहर
समोसे के अंदर इस्तेमाल होने वाले घटक जैसे आलू, मैदा और ज्यादा मिर्च-मसाले, और जलेबी में उपयोग की जाने वाली शक्कर की अधिक मात्रा इन दोनों को ‘जहर का मीठा रूप’ बना देती है। डॉक्टरों का कहना है कि इन व्यंजनों को अक्सर खाली पेट या तेज भूख में खाया जाता है, जिससे शरीर पर उनका असर और भी खतरनाक हो जाता है। इससे इंसुलिन रेसिस्टेंस और ब्लड शुगर स्पाइक होता है, जो समय के साथ टाइप-2 डायबिटीज में बदल सकता है।
क्या है समाधान?
- इसका मतलब यह नहीं कि आपको कभी समोसे या जलेबी नहीं खाने चाहिए, लेकिन इनका सेवन अत्यधिक मात्रा और नियमित रूप से करना वाकई में हानिकारक है।
- इन्हें घर पर शुद्ध तेल और सीमित मसालों में तैयार करें
- बेक्ड वर्जन को प्राथमिकता दें
- और अगर बाहर खाना है, तो ऐसे दुकानों से खाएं जहां साफ-सफाई और तेल की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाता है।